राष्ट्र निर्माता शिक्षक (कविता) -16-Aug-2024
राष्ट्र निर्माता शिक्षक
शिक्षक ऐसा दीपक है जो जलकर है राष्ट्र बनाता , ख़ुद वह शिक्षक ही रहता वैज्ञानिक,डॉक्टर का निर्माता
ज्ञान के दीप जलाता जग में और तमस को दूर भगाता, उन्नति करने में बड़ा सहायक यह ही सच्चा भाग्य निर्माता।
अंदर में जो भरी खामियांँ स्नेह से सदा है उसे हटाता, वह ही सच्चा मित्र है जग में आजीवन यह साथ निभाता।
भटके हुए को राह दिखाता सन्मार्ग पर हमें चलाता, कैसे जीवन उज्ज्वल होगा छोटी-छोटी युक्ति बताता।
मानव को मानव है बनाता इंसानियत का धर्म सिखाता, धर्म,दर्शनऔर तत्व ज्ञान का करके मीमांसा हमें दिखाता।
संस्कृति को सभ्यता बनाता देश,काल की बात बताता, दुश्मन सा निष्ठुर भी होता पर ना कभी भी हमें सताता।
संयम,विवेक,सदाचार के पौधे का यह रोपण करता, पौध वही जब वृक्ष है बनता जग ना अध्यारोपण करता।
आत्मविश्वास का भाव जगाता अविश्वास को तुरत ढहाता, ईश्वर का यह रुप है शायद क्यों यह प्रभु से बड़ा कहाता!
मानव जैसा ही तो दिखता इसके समक्ष ना कोई टिकता, सब इसको हैं शीश झुकाते श्रम की आंँच में सदा है सिकता।
गर्व का पल यह हमें दिलाता खुशियों के उपवन से मिलाता, कल्पना,लता,और टाटा बनाता चैन की रोटी हमें खिलाता।
साधना शाही, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
Babita patel
17-Jan-2025 07:25 PM
👌👌
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kashish
29-Sep-2024 01:27 PM
Amazing
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Arti khamborkar
21-Sep-2024 09:09 AM
v nice
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